"A Kiss Blown Is A Kiss Wasted The Only Real Kind of Kiss Is A Kiss Tasted" Want 2 Tast...?
19 Jan 2013
कामसुत्र
आप सार्वजनिक रूप से
'कामसूत्र' का नाम लेने से शायद कतराएं। जिन्होंने कामसूत्र या कामशास्त्र
नहीं पढ़ा वे इसे सेक्स या संभोग की एक किताब मानते हैं जबकि कामसूत्र
सिर्फ सेक्स की किताब नहीं है बल्कि कामसूत्र में सेक्स के अलावा व्यक्ति
की जीवनशैली, पत्नी के कर्त्तव्य, गृहकला, नाट्यकला, सौंदर्यशास्त्र,
चित्रकारी और वेश्याओं की जीवन शैली आदि जीवन से जुड़ी सभी की जानकारी है।
संभोग और प्रेम पर वात्स्यायन ने दुनिया का प्रथम और सर्वाधिक प्रसिद्ध दार्शनिक ग्रंथ लिखा 'कामसूत्र'। मूलत: रतिक्रीड़ा पर आधारित इस ग्रंथ की दुनियाभर में कहीं न कहीं चर्चा होती रहती है। सात खंड के छत्तीस अध्यायों में 1250 श्लोक के इस ग्रंथ में संभोग तथा रतिक्रीड़ा के आसनों पर आखिर ऐसा क्या लिखा है जो हर काल में प्रासंगिक बने रहने की ताकत रखता है। इसके सूत्र आज भी उतने ही ताजा हैं जितने कि वात्स्यायन के काल में रहे थे।
कामसूत्र महज एक ग्रंथ अथवा कागजों का पुलिंदा मात्र नहीं है बल्कि यह रतिक्रीड़ा के अलावा गृहस्थ जीवन को सही तरीके से जीने के उपाय बताता है। वास्तव में कामसूत्र प्रेम, सौंदर्य तथा जीवन के राग की संपूर्ण किताब है।
कामसूत्र का प्रेम : कामशास्त्र या कामसूत्र में स्त्री और पुरुष की शारीरिक संरचना और मनोविज्ञान को अच्छी तरह समझाया गया है इसीलिए यह ग्रंथ शिक्षा देता है कि प्रेम का आधार है संभोग और संभोग का आधार है प्रेम। शरीर और मन दो अलग-अगल सत्ता होने के बावजूद दोनों एक दूसरे का आधार हैं।
प्रेम की उत्पत्ति सिर्फ मन या हृदय में ही नहीं होती शरीर में भी होती है। स्त्री-पुरुष यदि एक दूसरे के शरीर से प्रेम नहीं करते हैं तो मन, हृदय या आत्मा से प्रेम करने का कोई महत्व नहीं। प्रेम की शुरुआत ही शरीर से होती है। दो आत्माओं के एक दूसरे को देखने का कोई उपाय नहीं है। शरीर ही शरीर को देखता है। स्त्री यदि संपूर्ण तरह से स्त्रेण चित्त है और पुरुष में पौरुषत्व है तो दोनों एक-दूसरे के मोहपाश से बच नहीं सकते।
कामसूत्र का सेक्स : वास्तव में सेक्स या संभोग ही दाम्पत्य सुख-शांति की आधारशिला है। काम के सम्मोहन के कारण ही स्त्री-पुरुष विवाह सूत्र में बँधने का तय करते हैं। अतः विवाहित जीवन में काम के आनन्द की निरन्तर अनुभूति होते रहना ही कामसूत्र का उद्देश्य है। यदि स्त्री-पुरुषों के बीच काम को लेकर उदासीनता है तो दाम्पत्य जीवन ऐसे होगा जैसे कि एक ही ट्रेन में सफर कर रहे लेकिन अगल-अलग डिब्बों में।
कामसूत्र यौन संबंधी जानकारियों का बेहतरीन खजाना है। कामसूत्र उन आसनों के लिए भी प्रसिद्ध है जिनके चित्र या मू्र्ति देखने के लिए लोग खजुराहो या अजंता-एलोरा जाते हैं या फिर चुपके से आसनों की सामग्री को बाजार से खरीदकर देखते हैं। दिमाग विकृत होता है बाजार के उस गंदे साहित्य को पढ़ने से जिसे पश्चिमी मानसिकता के चलते बेचा जाता है, लेकिन कामसूत्र या कामशास्त्र आपको उत्तेजित करने के बजाय सही ज्ञान देता है। कामसूत्र में संभोग के हर पहलू का वर्णन कर मनो-शारीरिक प्रतिक्रियाओं की जो विवेचना प्रस्तुत की है वह अद्भुत और रोमांचक है।
आज के भागदौड़ से भरे जीवन में पति-पत्नी के संबंध औपचारिक ही रह गए हैं, लेकिन कामसूत्र का ज्ञान आपके वैवाहिक जीवन को अंत तक तरोताजा बनाए रखने में सक्षम है। संभोग के आसनों से यौन सुख के साथ ही व्यायाम के लाभ भी प्राप्त किए जा सकते हैं। बस, जरूरत है तो इसे सही रूप में समझने की।
कामसूत्र का सौंदर्यशास्त्र : नाट्य शास्त्र के प्रणेता भरत मुनि कहते हैं- संसार में जो कुछ भी शुभ,
संभोग और प्रेम पर वात्स्यायन ने दुनिया का प्रथम और सर्वाधिक प्रसिद्ध दार्शनिक ग्रंथ लिखा 'कामसूत्र'। मूलत: रतिक्रीड़ा पर आधारित इस ग्रंथ की दुनियाभर में कहीं न कहीं चर्चा होती रहती है। सात खंड के छत्तीस अध्यायों में 1250 श्लोक के इस ग्रंथ में संभोग तथा रतिक्रीड़ा के आसनों पर आखिर ऐसा क्या लिखा है जो हर काल में प्रासंगिक बने रहने की ताकत रखता है। इसके सूत्र आज भी उतने ही ताजा हैं जितने कि वात्स्यायन के काल में रहे थे।
कामसूत्र महज एक ग्रंथ अथवा कागजों का पुलिंदा मात्र नहीं है बल्कि यह रतिक्रीड़ा के अलावा गृहस्थ जीवन को सही तरीके से जीने के उपाय बताता है। वास्तव में कामसूत्र प्रेम, सौंदर्य तथा जीवन के राग की संपूर्ण किताब है।
कामसूत्र का प्रेम : कामशास्त्र या कामसूत्र में स्त्री और पुरुष की शारीरिक संरचना और मनोविज्ञान को अच्छी तरह समझाया गया है इसीलिए यह ग्रंथ शिक्षा देता है कि प्रेम का आधार है संभोग और संभोग का आधार है प्रेम। शरीर और मन दो अलग-अगल सत्ता होने के बावजूद दोनों एक दूसरे का आधार हैं।
प्रेम की उत्पत्ति सिर्फ मन या हृदय में ही नहीं होती शरीर में भी होती है। स्त्री-पुरुष यदि एक दूसरे के शरीर से प्रेम नहीं करते हैं तो मन, हृदय या आत्मा से प्रेम करने का कोई महत्व नहीं। प्रेम की शुरुआत ही शरीर से होती है। दो आत्माओं के एक दूसरे को देखने का कोई उपाय नहीं है। शरीर ही शरीर को देखता है। स्त्री यदि संपूर्ण तरह से स्त्रेण चित्त है और पुरुष में पौरुषत्व है तो दोनों एक-दूसरे के मोहपाश से बच नहीं सकते।
कामसूत्र का सेक्स : वास्तव में सेक्स या संभोग ही दाम्पत्य सुख-शांति की आधारशिला है। काम के सम्मोहन के कारण ही स्त्री-पुरुष विवाह सूत्र में बँधने का तय करते हैं। अतः विवाहित जीवन में काम के आनन्द की निरन्तर अनुभूति होते रहना ही कामसूत्र का उद्देश्य है। यदि स्त्री-पुरुषों के बीच काम को लेकर उदासीनता है तो दाम्पत्य जीवन ऐसे होगा जैसे कि एक ही ट्रेन में सफर कर रहे लेकिन अगल-अलग डिब्बों में।
कामसूत्र यौन संबंधी जानकारियों का बेहतरीन खजाना है। कामसूत्र उन आसनों के लिए भी प्रसिद्ध है जिनके चित्र या मू्र्ति देखने के लिए लोग खजुराहो या अजंता-एलोरा जाते हैं या फिर चुपके से आसनों की सामग्री को बाजार से खरीदकर देखते हैं। दिमाग विकृत होता है बाजार के उस गंदे साहित्य को पढ़ने से जिसे पश्चिमी मानसिकता के चलते बेचा जाता है, लेकिन कामसूत्र या कामशास्त्र आपको उत्तेजित करने के बजाय सही ज्ञान देता है। कामसूत्र में संभोग के हर पहलू का वर्णन कर मनो-शारीरिक प्रतिक्रियाओं की जो विवेचना प्रस्तुत की है वह अद्भुत और रोमांचक है।
आज के भागदौड़ से भरे जीवन में पति-पत्नी के संबंध औपचारिक ही रह गए हैं, लेकिन कामसूत्र का ज्ञान आपके वैवाहिक जीवन को अंत तक तरोताजा बनाए रखने में सक्षम है। संभोग के आसनों से यौन सुख के साथ ही व्यायाम के लाभ भी प्राप्त किए जा सकते हैं। बस, जरूरत है तो इसे सही रूप में समझने की।
कामसूत्र का सौंदर्यशास्त्र : नाट्य शास्त्र के प्रणेता भरत मुनि कहते हैं- संसार में जो कुछ भी शुभ,
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पवित्र और उज्ज्वल दर्शनीय है वह श्रृंगार रस से प्रेरित है अर्थात काम की
कमनीयता है। कामसूत्र कहता है कि स्त्रियों को भी काम या जीवन की सभी
कलाओं का ज्ञान होना चाहिए इसीलिए उन्होंने स्त्रियों के लिए मुख्यत: 64
कलाओं में कुछ शर्त के साथ पारंगत होने की शिक्षा दी है। स्त्री द्वारा 64
कलाओं का ज्ञान प्राप्त करने से ऐश्वर्य और सुख की वृद्धि होती है। पारंगत
स्त्री को कामसूत्र में गणिका कहा गया है। गणिका अर्थात गुणवती या कलावती।
जिन
चौसठ कलाओं की चर्चा की गई है उनमें से ज्यादातर आज के युग अनुसार
अप्रासंगिक मानी जा सकती हैं, लेकिन कुछ कलाएं आज भी प्रासंगिक हैं जैसे हर
स्त्री गायन, वादन, नृत्य और चित्र में पारंगत हो सकती। अप्रासंगिक कलाएं-
कल-पूर्जे बनाना स्त्रियों का काम नहीं। इंद्रजाल, बाजीकरण, हाथ की सफाई,
घुड़सवारी करना, बढ़ईगिरी और तीतर, बटेर अथवा भेड़ को लड़ाने की कला तो अब
बिल्कुल चलन से बाहर हो चुकी कलाएं हैं। खैर, जो भी हो कहने का आशय यह है
कि कामसूत्र सिर्फ संभोग की ही शिक्षा नहीं देता यह जीवन के हर पहलुओं को
छूता है।
संभोग से समाधि : ऐसा
माना जाता है कि जब संभोग की चरम अवस्था होती है उस वक्त विचार खो जाते
हैं। इस अमनी दशा में जो आनंद की अनुभूति होती है वह समाधि के चरम आनंद की
एक झलक मात्र है। संभोग के अंतिम क्षण में होशपूर्ण रहने से ही पता चलता है
कि ध्यान क्या है। निर्विचार हो जाना ही समाधि की ओर रखा गया पहला कदम है।
अत:
संभोग की चर्चा से कतराना या उस पर लिखी गई श्रेष्ठ किताबों को न पढ़ना
अर्थात एक विषय में अशिक्षित रह जाना है। कामशास्त्र या कामसूत्र इसलिए
लिखा गया था कि लोगों में सेक्स के प्रति फैली भ्रांतियाँ दूर हों और वे इस
शक्ति का अपने जीवन को सत्यम, शिवम और सुंदरम बनाने में अच्छे से उपयोग कर
सकें।
18 Jan 2013
16 Jan 2013
14 Jan 2013
How To Kiss ?
Do You Know, How To Kiss ? |
How to kiss: Best ever tips
1. Never rush to kiss on the first date and never show overexcitement in kissing. If the moment has arrived with mutual concent- act as if you are in love and not like a sexually starved maniac.
2. While kissing a girl slip one hand around her waist and with the other lightly cup her face.
3. Bring her face closer and first kiss her lightly on her lips. If she seems to respond eagerly, slowly part her lips with your lips.
4. Open your eyes to look at her face, if she seems to be enjoying it, gradually make use of your tongue to explore her mouth.
5. If she begins to feel your body, do the same. But if she does not, do not touch her breasts or butt. It might anger her.
6. Slowly disengage when you find her breathless. Hold her lovingly for a while before letting her go.
How to kiss a boy
Generally the initiative is taken by boys, but there is no harm doing it yourself if your are quite assured of his inclinations.
1. First you have to break the touch barrier. The best way is to touch him casually and innocently on a number of occasions. Be subtle about it! He will take notice and he will love it.
2. Find out some excuse to go to some private place. If he is a colleague, stay behind for work someday while the rest in office leave. If at home go to the terrace with him or some private corner on some pretext.
3. Begin with some sweet love talk. Stand close to him or sit next to him and hold his hand. Look into his eyes and at his lips. Break eye contact for a moment and softly bite your lower lip. It will make you look all vulnerable and nervous but cute at the same time.
4. If even now he has not kissed you, go closer and shut your eyes. If he still doesn't then kiss him on the corner of his mouth.
5. Lean towards him, tilt your head slightly to the left or the right, close your eyes and kiss his lower lip while slightly puckering your lips. Open your mouth slightly and use the tip of your tongue to gently caress his lips.
6. Go with the flow once he takes charge. Happy kissing!
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